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Tuesday, February 26, 2013

छंद सरसी


छंद सरसी
[16, 11 पर यति, कुल 27 मात्राएँ , पदांत में गुरु लघु]

चाक  निरंतर  रहे  घूमता , कौन  बनाता   देह |
क्षणभंगुर  होती  है  रचना  ,  इससे  कैसा  नेह ||

जीवित करने भरता इसमें ,  अपना नन्हा भाग |
परम पिता का यही अंश है , कर  इससे अनुराग ||

हरपल कितने पात्र बन रहे, अजर-अमर है कौन |
कोलाहल-सा खड़ा प्रश्न है   , उत्तर लेकिन मौन ||

एक बुलबुला बहते जल का   समझाता है यार |
छल-प्रपंच से बचकर रहना, जीवन के दिन चार ||

अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
शम्भूश्री अपार्टमेंट, विजय नगर, जबलपुर (म.प्र.)

Sunday, February 24, 2013

पर्यावरण : कुण्डलिया



होता  अति का   अंत है , कह गये सारे संत
एक  सरीखे  रह गये  ,   पतझर और बसंत
पतझर और   बसंत , सभी मौसम हैं घायल
दूषित जल में मौन , हुई  सरिता की पायल
लुप्त  हो   रहे  जीव  ,  बया   गौरैय्या  तोता
सँभल जरा ओ मनुज,अंत है अति का होता ||

         अरुण कुमार निगम
         आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
         
शम्भूश्री अपार्टमेंट, विजय नगर, जबलपुर (म.प्र.)

Saturday, February 23, 2013

कुण्डलिया छंद




(चित्र ओबीओ से साभार)

अनगढ़ मिट्टी पा रही , शनै: - शनै: आकार
दायीं  -  बायीं  तर्जनी  ,  देती  उसे  निखार
देती  उसे  निखार , मध्यमा संग कनिष्का
अनामिका  अंगुष्ठ , नाम छोड़ूँ मैं किसका

मिलकर  रहे सँवार , रहे ना कोई घट - बढ़
शनै: - शनै: आकार , पा रही मिट्टी अनगढ़ ||


अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
शम्भूश्री अपार्टमेंट, विजय नगर, जबलपुर (म.प्र.)
 [ओबीओ के चित्र से काव्य तक ,छंदोत्सव अंक-23 में मेरी प्रस्तुति]

Tuesday, February 19, 2013

कुण्डलिया छंद :


भेजे  में  घुसता  नहीं ,  राजनीति  का  खेल
हमने सीखा बंधुवर  ,  दिल से दिल का मेल
दिल से दिल का मेल ,जात औ’ पात न जाने
चेहरे का  क्या  काम  ,  धड़कनों से पहचाने
प्रेम - मार्ग चल ‘अरुण’ ,नयन में नेह सहेजे
हृदय   देत   विश्वास  ,   घात   देते   हैं   भेजे ||

अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
विजय नगर, जबलपुर (मध्य प्रदेश)

Saturday, February 16, 2013

कुण्डलिया छंद :


चोंच  नुकीली तीक्ष्ण  हैं ,पंजों के नाखून
जो  भी  आये  सामने , कर  दे  खूनाखून
कर दे खूनाखून , बाज  है  बड़ा  शिकारी
गौरैया खरगोश  , कभी बुलबुल की बारी
चोंच सभी की मौन,व्यवस्था ढीली-ढीली
चोंच लड़ाये कौन, बाज की चोंच नुकीली ||


अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
शम्भूश्री अपार्टमेंट, विजय नगर, जबलपुर (म.प्र.)